उत्तर प्रदेश सरकार ने छात्रों की छात्रवृत्ति और शुल्क भुगतान को लेकर तेजी से कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि छात्रों को जल्द से जल्द भुगतान किया जाए। इसके साथ ही, समाज कल्याण विभाग ने अनुसूचित जाति के 11वीं और 12वीं कक्षा के 33 हजार छात्रों के खातों में राशि भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विभाग का दावा है कि एक से दो दिन के भीतर इन छात्रों को छात्रवृत्ति का लाभ मिल जाएगा।
क्या है योजना का विस्तार?
इसके अलावा, 12वीं से ऊपर की कक्षाओं में पढ़ने वाले 10 हजार छात्रों को भी इस सप्ताह के अंत तक राशि प्रदान की जाएगी। विभाग ने बताया कि छात्रों के डेटा का परीक्षण पूरा होने के साथ ही छात्रवृत्ति का भुगतान शुरू किया जा रहा है। बुधवार से ही अनुसूचित जाति के 33 हजार छात्रों के खातों में राशि भेजी जा रही है। सामान्य और एससी वर्ग के नौवीं और दसवीं के 4.5 लाख छात्रों को भी अगले महीने फरवरी के अंत तक भुगतान करने की योजना बनाई गई है।
अगले महीने तक 4.5 लाख छात्रों को मिलेगा लाभ
विभाग ने जानकारी दी कि नौवीं और दसवीं के छात्रों के डेटा का परीक्षण किया जा रहा है। अगले महीने तक इन छात्रों को भी छात्रवृत्ति का लाभ मिलना सुनिश्चित किया जाएगा। इससे लाखों छात्रों को अपनी शिक्षा का खर्च उठाने में मदद मिलेगी। यह भी बता दें कि यूपी सरकार हर साल 50 लाख से अधिक छात्रों को छात्रवृत्ति और शुल्क का भुगतान करती है।
कौन-कौन से विभाग करते हैं भुगतान?
समाज कल्याण विभाग अनुसूचित जाति और सामान्य वर्ग के छात्रों को राशि प्रदान करता है, जबकि पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग और जनजाति कल्याण विभाग अपने-अपने वर्ग के छात्रों को भुगतान करते हैं। इस योजना के तहत अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के छात्रों के परिवारों की वार्षिक आय ढाई लाख रुपये तक होनी चाहिए। सामान्य और अन्य वर्ग के छात्रों के लिए यह सीमा दो लाख रुपये है।
छात्रों के लिए क्यों है यह योजना महत्वपूर्ण?
यूपी सरकार की यह योजना उन छात्रों के लिए वरदान साबित हो रही है, जो आर्थिक तंगी के कारण अपनी पढ़ाई जारी रखने में असमर्थ हैं। छात्रवृत्ति के माध्यम से उन्हें न केवल शिक्षा का खर्च उठाने में मदद मिलती है, बल्कि उनका आत्मविश्वास भी बढ़ता है। इससे उन्हें बेहतर भविष्य बनाने का मौका मिलता है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यूपी सरकार की यह पहल छात्रों के साथ-साथ उनके परिवारों के लिए भी बेहद फायदेमंद है। इससे न केवल शिक्षा का स्तर सुधरेगा, बल्कि समाज में आर्थिक समानता भी बढ़ेगी। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि सरकार को इस तरह की योजनाओं को और अधिक पारदर्शी और तेज बनाने की जरूरत है, ताकि छात्रों को समय पर लाभ मिल सके।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश सरकार की यह पहल छात्रों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आई है। छात्रवृत्ति के माध्यम से लाखों छात्रों को अपनी शिक्षा जारी रखने का मौका मिलेगा। योगी सरकार के निर्देशों के बाद अब छात्रों को जल्द ही उनके खातों में राशि मिलने की उम्मीद है। इससे न केवल छात्रों का भविष्य उज्ज्वल होगा, बल्कि राज्य के विकास में भी यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
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